Dancing girl
सिंधु सभ्यता की मूर्तियों में प्रयुक्त सामग्री
मोहनजोदड़ो से प्राप्त मूर्ति शिल्प मुख्य रूप से तीन प्रकार की सामग्री से बनी हैं
- मिट्टी
- पत्थर
- धातु
धातु से बनाई गई मूर्तियों में नृत्य करती महिला सबसे अधिक प्रसिद्ध है यह मूर्ति सिंधु सभ्यता के मोहनजोदड़ो नामक स्थल से प्राप्त हुई है
Dancing girl की कलात्मक विषेताएं
डांसिंग गर्ल अपनी बनावट और आकार के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है यह एक दुबली पतली लड़की के रूप में दर्शाई गई है जिसके पैर नहीं है सिर पीछे की तरफ टेढ़ा है बालों को दाएं कंधे पर जुड़े के रूप में बांधा गया है गले में चार लड़ियों वाला हार पहने हुए हैं एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि दोनों हाथों में चूड़ियां समान नहीं है बाएं हाथ में 24 दाएं हाथ में चार चूड़ियां हैं
Dancing girl आकृति नग्न अवस्था में अंकित है बाया पैर मुड़ा हुआ है जिस पर बाया हाथ टिका हुआ है दाया हाथ कमर पर स्थित है मूर्ति में हाथों की लंबाई सामान्य से अधिक है यह हड़प्पा काल की मूर्तियों में देखी जाने वाली प्रमुख विशेषता रही है मूर्ति तत्कालीन उन्नत ढलाई पद्धति को भी दर्शाती है मूर्ति कांस्य माध्यम में ढाली गई है
डांसिंग गर्ल का माध्यम
प्रकाशक: राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली |
सिंधु सभ्यता के मोहनजोदड़ो स्थल से प्राप्त डांसिंग गर्ल की मूर्ति धार ढलाई की उत्तम उदाहरण है यह मूर्ति कहां से में बनाई गई है जो लास्ट वैक्स प्रोसेस से निर्मित की गई है इस पद्धति में कलाकार मोम की मूर्ति का निर्माण करता है तत्पश्चात मोड बनाकर सांचे को पकाया जाता है मोड में छिद्रों से भाप बनकर उड़ जाता है तथा खाली स्थान पर धातु को भर दिया जाता है ठंडा होने के बाद मोड को तोड़कर अलग कर दिया जाता है और मूर्ति को निकाल लिया जाता है फिर उस पर पतिना चढ़ाया जाता है
डांसिंग गर्ल मूर्ति के विषय में महत्वपूर्ण तथ्य
- The dancing girl (bronze sculpture)
- mohenjodaro, Indusvali civilization (Harappan civilization)
- publisher - nationalmuseum New, Delhi
- Medium - bronze sculpture
- size - 10.5x5x2.5 cm
- time - 2500 BC
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