भूख और अकाल का कलाकार जैनुअल आबेदीन
जैनुअल आबेदीन का जन्म 1917 ईस्वी में बांग्लादेश में हुआ था इन्होंने कला शिक्षा बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट से प्राप्त की इन्होंने भारतीय आधुनिक कला के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई अपने लंबे सृजन मे एक ऐसे वातावरण का निर्माण किया जो सुंदरता और नैतिकता के मूल्यों पर खरा उतरता हो इनके चित्रों में गरीबी और दुख की एक विषद श्रंखला दिखाई पड़ती है अधिकतर चित्र स्याही और तूलिका के माध्यम से बनाए गए हैं
banglaesh liberation war 1971, |
1943 में बंगाल में पड़े अकाल में zainul abedin को अत्यधिक प्रभावित किया लोगों की दशा को देखने के लिए वह स्वयं निकल पड़े अंग्रेज सरकार द्वारा अपनी उपनिवेश की वृद्धि और अंग्रेज़ी शासन से उत्पन्न भयावह स्थिति देखा तथा भारतीय साहूकारों और पूंजीपतियों ने किस प्रकार से इस स्थिति में भी जमाखोरी जारी रखी अंग्रेज सरकार इन विनाशकारी प्रवृत्तियों के बावजूद भी ना तो खाद्यान्न उपलब्ध कराया और ना ही आयात को रोकने का कोई प्रयास किया
zainul abedin द्वारा बनाए गए चित्र
मणिपुरा आईलैंड 1970The three faces 1968Famine Series 1953
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