देवी प्रसाद राय चौधरी
भारतीय कला के इतिहास में कुछ ऐसे कलाकारों से हमारा परिचय होता है जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन को अपने सृजन में महत्वपूर्ण विषय के रूप में अंकित किया है देवी प्रसाद राय चौधरी के मूर्ति शिल्प अपनी सजीवता के लिए प्रसिद्ध रहे हैं जिन्हें देखने पर एक क्षण आभास होता है कि इतिहास ठहर सा गया है नंदलाल बसु, यामिनी राय जैसे कलाकार गांधीजी के आदर्शवादी जीवन से काफी ज्यादा प्रेरित थे
आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के सामाजिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विचारों तथा संघर्षों की प्रतिध्वनि देवी राय प्रसाद के मूर्तिशिल्प और शहीद स्मारकों में मिलती है भ्रमण को मंदिर में हरिजन प्रवेश की उद्घोषणा, अंतिम प्रहार भूख पीड़ित श्रम की विजय अधिकांश मूर्ति शिल्प इसका प्रमाण है देवी प्रसाद राय चौधरी की मूर्ति शिल्प में सुरेंद्रनाथ बनर्जी महात्मा गांधी और मोतीलाल नेहरू की प्रतिमा या साधारण सी लगती है महात्मा गांधी की प्रतिमा था कि दुबली पतली आकृति वाली दिखाई पड़ती है परंतु गांधी जी की इस प्रतिमा में आत्मबल को प्रतीकात्मक रूप में दिखाया गया है जिसने स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्र का नेतृत्व किया था बड़ी चतुराई से रखे गए कटक से कैक्टस से उलझी उनकी चादर मार्ग में आने वाली बाधाओं का सामना करने की संकल्प शक्ति का प्रतीक है
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