Kalakar jogen Chaudhari
मेरे ये चित्र वह सब चीजें दिखाते हैं जो मैं पसंद करता हूं जिन चीजों को मैं प्यार करता हूं और जिन से मैं नफरत करता हूं मैंने इन चित्रों को जिस शैली और रूपाकारों में पेंट किया है वह इस देश के लोगों और यहां के जीवन के एक खास तरह के स्वभाव और स्थिति में ही जन्म ले सकते थे
जोगेंद्र चौधरी
tiger in moon light |
जोगेन चौधरी का जन्म 15 फरवरी 1939 ईस्वी को फरीदापुर वर्तमान बांग्लादेश में हुआ था देश के विभाजन के बाद पश्चिम बंगाल में आकर रहने लगे इनका आरंभिक जीवन बड़े कष्ट में व्यतीत हुआ आरंभिक दिनों में कई दिनों तक भूखे पेट रहकर ही स्कूल जाना पड़ता था अपने बचपन में खुले प्रवेश में रहे प्रकृति से को निकटता के साथ देखा नदी तालाब मछलियां और विभिन्न प्रकार के रोजमर्रा से जुड़े हुए विषय इन के अंतः करण में समा गए जो इनके विषयों में लगातार उभरते रहे
प्रसिद्ध चित्रकार
घर में लालटेन की रोशनी में बचपन बीता वहीं पर कला की समझ बढ़ी कोलकाता में सियालदह स्टेशन पर शरणार्थियों की मुद्राएं भी जोगन चौधरी पर निर्णय प्रभाव डालती रही कई बार चित्र बनाने का मन किया परंतु समस्याओं ने बनाने न दिया जोगेन चौधरी लगातार भारतीयता और पश्चिमवाद के बीच में फंसे रहे परंतु अंततः अपनी पहचान बनाने में सफल हुए और अपने आसपास के लोगों को ही अपनी चित्रों का विषय बनाने लगे उनकी पीड़ा दुख दर्द के नए मुहावरे गढ़ने लगे जो देखने स्वप्न जैसे लगते हैं परंतु यह कलाकार की अपनी वेदना का एक प्रकट रूप था जो उसने निकटता के साथ देखा था और लगातार सामाजिक परिस्थितियों में अनुभव करता चला रहा है इस प्रकार का की अभिव्यक्ति विरले ही कलाकारों में देखने को मिलती है
जोगेन चौधरी का प्रिय माध्यम स्याही और टेंपरा ही रहा है परंतु उन्होंने तेल रगों में भी कार्य किया है अपने रेखांकनओं के माध्यम से भी जोगेन चौधरी ने गहन अभिव्यक्ति दी है जोगेन चौधरी का प्रिय रंग काला रहा है इस रंग के द्वारा इन्होंने अपने चित्रों में अपने संघर्ष के दिनों को व्यक्त करते हैं
समकालीन कला पर बोलते हुए जोगेश चौधरी ने कहा हम सबके सम्मुख विशिष्ट भारतीय दृष्टिकोण को बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है खुद को वैश्विक बनाने के लिए कुछ ऐसा करने के लिए अमेरिका फ्रांस इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया की नकल करें हमें आवश्यक है सब एक ऐसे दृष्टिकोण की जो स्वयं की प्रमाणिकता के लिए अपनी संस्कृति की झलक देता हो तथा आंधी अनुकृति से बचाता हो
जोगन चौधरी ने 1962 ईस्वी में कोलकाता हैंडलूम में डिजाइनर की नौकरी की फ्रांस से शिक्षा प्राप्त की तत्पश्चात 5 महीनों के लंदन प्रवास के पश्चात भारत आकर मद्रास हैंडलूम में डिजाइनर के रूप में कार्य किया 1970 में जोगन चौधरी कोलकाता ग्रुप कलाकार में सम्मिलित हुए गणेश की व्यंगात्मक चित्र दुबला आदमी, मछली, सांप, तितली आदि प्रसिद्ध विषय रहे हैं
रंग
widow seated on a red sofa |
चित्र
- बाघ
- बाल खोले स्त्री
- नीली साड़ीtiger in moon light
- नटी विनोदिनी
- चांदनी रात में चीता
- 1973 से 1987 राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में स्थित आर्ट गैलरी के क्यूरेटर नियुक्त किए गए
- 1975 में दिल्ली के प्रमुख कलाकार के साथ मिलकर गैलरी 26 की स्थापना की कोलकाता
- 1986 में बगदाद में कला महोत्सव का प्रतिनिधित्व किया 1993 में भारत कला भोपाल में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी के जूरी मेंबर है
- 1993 में ललित कला अकादमी भुवनेश्वर के सदस्य बने
- 2014 में तृणमूल कांग्रेस के द्वारा राज्यसभा के सांसद के रूप में नामित किए गए
- 2001 में कालिदास सम्मान मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदान किया
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