ललित मोहन सेन L M Sen
- जन्म 1898 शांतिपुर नदिया पश्चिम बंगाल
- मृत्यु 1954
- शिक्षा लखनऊ कॉलेज ऑफ आर्ट, रॉयल एकेडमी ऑफ लंदन ग्राफिक्स आर्ट
- शिक्षक कला विद्यालय लखनऊ
- व्यवसाय चित्राकार छापाकार मूर्तिकार
ललित मोहन सेन अनवत कला साधना के बल पर अपना कला जगत में स्थान निश्चित किया नियमों का पालन करने वाले, सरल स्वभाव तथा कार्य के प्रति सच्ची लगन रखने थे चित्रकार होने के साथ-साथ एल एम सेन मूर्तिकार, प्रिंट मेंकर तथा फोटोग्राफर के रूप में भी जाने जाते हैं इन्होंने कभी भी स्वयं को किसी एक माध्यम तक सीमित नहीं रखा बल्कि जल रंग, तैल रंग, पेस्टल, ग्वाश, इंक, टेम्परा एवं प्रिंट मेकिंग के कई माध्यमों में आश्चर्यजनक कार्य किया एक कलाकार और शिक्षक के रूप में इनका अतुलनीय योगदान है इनके सानिध्य में बी एन जिज्जा, ईश्वर दास, मदन लाल नागर, रणवीर सिंह बिष्ट, एच एल मेढ़ आदि कलाकार निकले जिन्होंने भारतीय चित्रकला को नए आयाम दिए इनकी शैली पर प्रभाववाद, अकादमी पद्धति तथा भारती रेखा का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है एल एम सेन ने ग्रामीण बालिकाओं को अपने सृजन में विशेष स्थान दिया
ललित मोहन सेन का जन्म 1898 ईस्वी मे पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के शान्तिपुर नगर में हुआ था 11 वर्ष की आयु में ही लखनऊ चले आए और यहां पर 1912 में गवर्नमेंट कॉलेज स्कूल ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट में प्रवेश लिया तत्कालीन प्रधानाचार्य नेट हार्ड के सानिध्य मैं शीघ्र ही चित्रकला में पारंगत हो गए हो गए नेटहार्ड ने l m sen की प्रतिभा को देखते हुए इसी विद्यालय में कला शिक्षक के रूप में नियुक्त किया 1945 ईसवी में असित कुमार हलदर के प्रधानाचार्य पद से अवकाश ग्रहण करने के पश्चात एस एन सेन को प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया पद पर लगातार कार्य करते हुए 2 अक्टूबर 1954 को आकस्मिक निधन हो गया
Good
जवाब देंहटाएंKripya Lekh vistar se likhe mahatvpurn jankari
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