इंडस्ट्रियल आर्ट सोसाइटी
इंडस्ट्रियल आर्ट सोसाइटी की स्थापना 16 अगस्त 1854 ईसवी को हुई थी राजेंद्र लाल मित्र जितेंद्र मोहन टैगोर तथा न्यायाधीश प्राप्त द्वारा स्थापित की गई थी कुछ समय उपरांत ज्योति नाथ टैगोर ने इस संस्था को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया प्रारंभ में इस सोसाइटी का उद्देश्य औद्योगिक कलाओं को प्रोत्साहन करना था 16 अगस्त 1864 को ब्रिटिश सरकार ने इसका अधिग्रहण कर अपने स्वामित्व में ले लिया तथा यह अब सोसायटी आफ गवर्नमेंट कॉलेज आफ आर्ट एंड क्राफ्ट कोलकाता के नाम से जाने जाने लगी
1916 में संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रिंट मेकिंग का अभ्यास कर रहे थे बर्था ई, जैक्स तथा एट्रेचर शिकागो आर्ट सोसायटी आफ एचर्स का सदस्य चुना गया इन्हीं से प्रेरित होकर मुकुल चंद डे ने रविंद्र नाथ टैगोर को भी प्रिंट मेकिंग के लिए प्रेरित किया 1917 ईस्वी में जोड़ोसांकों में स्थित विचित्रा स्टूडियो में मुकुल चंद्र डे प्रींटमेकिंग सहायक के रूप में कार्यरत किया
मुकुल चंद्र दे से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में जैनुअल आबेदीन, अब्दुल मोइन, सुहास डे, वासुदेव राय उपेंद्र आदि जिन्होंने देश विदेश में नाम कमाया
बहुत अच्छा
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