Where can we use clay in fine arts?
ललित कलाएं पांच प्रकार की होती हैं
1 काव्य कला
2संगीत कला
3 चित्रकला
3 मूर्तिकला
ललित कलाओं में मूर्तिकला चौथे नंबर पर आती है मूर्तिकला निर्माण के लिए परंपरागत रूप से लकड़ी, धातु, मिट्टी, पत्थर एवं मोम का प्रयोग किया जाता था वर्तमान में मूर्तिकला के निर्माण में कई माध्यमों की खोज हुई है फिर भी मिट्टी का अपना महत्व है सीखने के लिए युवा कलाकारों द्वारा अभ्यास मिट्टी के द्वारा ही किया जाता है हमारे त्योहारों के अवसरों पर भी मिट्टी की बनी हुई मूर्तियां घरों में लाई जाती हैं तथा स्वयं भी प्रतीकात्मक रूप में मूर्ति निर्मित की जाती है
मूर्ति कला में मिट्टी का प्रयोग
हम कलाओं में मिट्टी का प्रयोग निम्नलिखित रुप से कर सकते हैं
- मूर्ति के निर्माण में
- खिलौनों के निर्माण में
- ईटों के निर्माण में
- बर्तनों के निर्माण में
- मिट्टी के फलक पर रिलीफ मूर्ति के रूप में
मिट्टी एक प्राकृतिक द्वारा दिया गया मानव को वरदान है मानव ने सर्वप्रथम मिट्टी के प्रयोग से ही बर्तन बनाएं जिनका प्रयोग वह अपने दैनिक जीवन के कार्य में करता था जैसे अनाज भरना के पात्र, बर्तन आदि
मिट्टी की मूर्ति निर्माण परंपरा हमें सैंधव सभ्यता से प्राप्त होती है यहां पर मिट्टी की मूर्तियां, खिलौने, बर्तन आदि भारी संख्या में मिले हैं जो देश के विभिन्न संग्रहालय में संग्रहित हैं यह क्रम प्राचीन काल से लगाकर आज तक अनवरत चलता आ रहा है
clay art में विकास की संभावनाएं
मिट्टी के द्वारा मानव ने विविध प्रकार के सृजन किए हैं जिन्हें देखकर हमारा मन मोहित हो जाता है वर्तमान में मिट्टी से विविध प्रकार के खिलौने दैनिक जीवन में प्रयोग आने वाले वस्तुओं तथा सजावट के अलंकरण भी बनाए जाते हैं दीपावली के अवसर पर हमें अनेक प्रकार के मिट्टी से निर्मित दिए भी दिखाई पड़ते हैं कलाकार की सृजनात्मकता भी झलकती है समय-समय पर आयोजित होने वाले मेलों में भी मिट्टी के बने हुए सामानों को देखा जा सकता है
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