चित्रकला के तत्वों में तान
तान का अर्थ Meaning of Tone
तान कलाकार के वर्ण चातुर्य को अर्थवान बनाती है रंगत के गहरे या हल्के स्वरूप को तान या टोन कहा जाता है जैसे-जैसे प्रकाश की तरफ हम बढ़ते हैं वैसे वैसे तान परिवर्तित होती रहती है और जैसे ही हम प्रकाश से अंधकार की तरफ बढ़ते हैं वैसे ही रंग के तान में अंतर स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ने लगता है
तान की परिभाषा definition of tone
तान किसी रंग के हल्के या गहरे पन तान या टोन कहा जाता हैतान का वर्गीकरण classification of tone
मुख्य रूप से तान को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है1 छाया dark tone
जब कलाकार रंग की मिडिल टोन से डार्क टोन की तरफ कार्य करता है तो यह टोन प्राप्त होती है स्थान को प्राप्त करने के लिए ब्लैक कलर मिलाया जाता है2 मध्यम middle tone
जब कलाकार छाया और प्रकाश के मध्य की रंगत का प्रयोग करता है तो यह तान दिखाई पड़ती है अन्य शब्दों में हम कह सकते हैं जहां पर छाया और प्रकाश दोनों बराबर पढ़ते हैं वहां पर मध्यम टोन का निर्माण होता है3 प्रकाश light tone
जब कलाकार मध्यम तान से प्रकाश की तरफ बढ़ता है तो इस टोन का निर्माण होता है कलाकार स्थान को प्राप्त करने के लिए सफेद रंग मिलते है (colour+white =tint)तान के प्रभाव Impact of tone
कलाकार सतह के अनुसार तान का चयन करता है श्वेत और श्याम रंग के द्वारा सामंजस्य स्थापित किया जाता है सफेद धरातल पर श्याम रंग तथा काले धरातल पर सफेद रंग के द्वारा भी इनके प्रभावों को समझा जा सकता है ऐसा ही अन्य रंगों के साथ प्रयोग करके कलाकार स्वयं इनके प्रभावों को आत्मसात कर सकता है
चित्र के सहायक और सक्रिय आकारों की तानों में परिवर्तन करने पर भी इनके अलग-अलग प्रभाव दिखाई देते हैं ऐसा ही आकृति की रंगत एवं उसके स्थान में परिवर्तन करके भी तान के प्रभाव को समझा जा सकता है
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