रेखा Line
रेखा चित्रकला का आधारभूत तत्व है सबसे पहले विद्यार्थी को रेखांकन सिखाया जाता है तत्पश्चात वह अन्य तत्वों की तरह वह जाता है रेखा में छिपी हुई ऊर्जा रहती है जो व्यक्ति के अंदर अलग-अलग भावों का संचार करती है साधारणता रेखा के द्वारा गति एवं शक्ति का प्रतीकात्मक स्वरूप विद्यमान रहता है
दो बिंदुओं के बीच की दूरी को रेखा या दो बिंदुओं को जोड़ने वाली दूरी को रेखा कहा जाता है इसमें गति को दिशा निर्देशन करने की शक्ति भी होती है
अंकन का अर्थ (drawing)
कलम पेंसिल या किसी यंत्र के द्वारा धरातल पर मार्क छोड़ते जाना ही अंकन काल आता है परंतु एक कलाकार अंकन में चित्र की सारी खूबियों को दर्शाता है जो भावी चित्र का आधार बनती हैं
रेखा व दृष्टिभ्रम
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रेखा व दृष्टिभ्रम
रेखा व दृष्टिभ्रम
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समान लंबाई की दो रेखाओं को अंकित कर विपरीत दिशा को निर्देशित करने के लिए उनके सिर पर तीर का चिन्ह अंकित करें तो दृष्टि भ्रम उत्पन्न होता है इसी प्रकार समान दूरी की रेखाओं को अंकित कर के दोनों तरफ तीर के निशान बना दें तत्पश्चात दूसरी लाइन पर उस तीर के निशान को उल्टा बनाएं इस प्रकार के प्रयोग द्वारा आप स्वयं ही दृष्टि भ्रम को समझ सकते हैं और यह अनुभव कर सकते हैं कि दृष्टि भ्रम किस प्रकार से संबंधित हैं
इसी प्रकार दो समांतर रेखाओं के ठीक मध्य केंद्र से होकर चारों तरफ खींची गई रेखाएं उनके बीच में अधिक स्थान होने का भ्रम कराती हैं या केंद्र में एक दूसरे से दूर जाने का हमें भ्रम होता है इस प्रकार के प्रयोगों द्वारा रेखा और दृष्टि भ्रम को समझा जा सकता है
रेखा का प्रभाव Impression of Line
चित्रकला में रेखा का विशेष महत्व है रेखा मैं भावनात्मक गुण होते हैं इसके प्रयोग से कलाकार विभिन्न प्रकार के भावों को अपने चित्र फलक पर दर्शाता है इस प्रकार के सफल प्रयोग पूर्वी और पश्चात दोनों के कलाकारों ने किया है पिकासो ब्राक दविड आदि ने सफल प्रयोग किया है फ्लोरेंस के कलाकार अपने रेखांकन के लिए विशेष रुप से जाने जाते हैं तो वहीं भारत में अजंता की गुफा चित्रों में रेखा का उत्कृष्ट स्वरूप दिखाई देता है जहां पर कलाकार ने महज कुछ रेखाओं की सहायता से अपनी अभिव्यक्त को भाव विभोर कर दिया है इस प्रकार हम कह सकते हैं कि एक सफल कलाकार के लिए रेखा का ज्ञान होना अत्यधिक आवश्यक है एवं उसके विविध पक्षों की भी समझ जरूरी है जो उसके सर्जन को और महत्वपूर्ण तथा प्रभावशाली बनाएगी जिससे वह अपने विवेक को और सार्थक तरीके से सभी के सम्मुख रख सकेगा
1. सीधी लंबवत रेखा Verticals
गौरव, शक्ति, स्थायित्व, शांतचित्तता, आकांक्षा
2. सीधी पढ़ी हुई रेखा Horizontal
यह रेखा लंबवत रेखा को आधार प्रदान करती है इसके प्रभाव निम्नलिखित हैं विश्राम, निश्चलता, स्थिरता, शांति, मौन, संतुलन
नाटकीय, स्पंदन, उत्तेजना, बेचैनी, व्याकुलता
4. कोणीय रेखाएं Angles
असुरक्षा, अस्पष्ट ता, व्याकुलता, आघात, संघर्ष
5. एक पुंजिय रेखाएं Radii
स्वच्छंदता, अभिलाषा, शोभा, लवलीनता, स्वदेश प्रेम, प्रसाद
उत्तेजना, शक्ति, गति
7. प्रवाही रेखाएं Rhythm
गति, लावण्य, माधुर्य
रेखांकन के प्रकार
1. स्वतंत्र रेखांकन Free Drawing
इस पद्धति में वस्तु का मस्तिष्क पर अपने वाला प्रभाव को शिघ्रता के साथ रेखांकित किया जाता है इसे परिभाषित करते हुए Kandinsky ने एक क्रम बताया है कला-वस्तुगत प्रभाव- प्रभाव का व्यक्ति करण -संयोजन2. स्मृति रेखांकन Memory Drawing
कुछ रूप जो हमारी स्मृतियों में पहले से विद्यमान हैं जब इनको चित्र के रुप में कलाकार अंकित करता है तो इसे स्मृति रेखांकन कहलाता है3. प्रतिरूपात्मक रेखांकन Representational Drawing
जैसा देखते हैं वैसा ही बनाने का प्रयत्न करते हैं करना ही प्रतिरूपात्मक रेखांकन कहलाता है दृष्टांत चित्रों में अत्यधिक उपयोगी होता है4. यांत्रिक रेखांकन Mechanical Drawing
यंत्रों की सहायता किया जाने वाला रेखांकन कहलता है5. सीमांत रेखांकन Contour Drawing
जब वस्तु को छाया प्रकाश की सहायता से अंकित किया जाता है उस रेखांकन को सीमांत रेखांकन कहते है6. सांकेतिक रेखांकन Gesture Drawing
यह एक प्रत्यक्ष चित्रण की विधा है परिप्रेक्ष्य का प्रयोग करके वस्तु के आयतन में सामंजस्य बैठाया जाता है जिसे सहायक और सक्रिय रूपों का निर्माण होता है7. प्रकृति रेखांकन Nature Drawing
सीधी पढ़ी हुई रेखा Horizontal
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