जो गिर के संभलता है, उसके ज्ञान को शिशु ज्ञान कहते हैं।
लेकिन जो गिर-गिर के संभले, उसे इंसान कहते हैं//1
जिंदगी एक मौसम की तरह होती है।
कभी पतझड़ तो कभी बाहर लाती है ।
कभी हम लोगों को रुलाती है, तो कभी हंसाती है
लेकिन जो इस जिंदगी से लड़ जाए,
जिंदगी उसकी सेवक बन जाती है। //2
जो अच्छा सोंचे उसके विचार को सुविचार कहते हैं । जो अच्छा व्यवहार करे उसके गुण को सदाचार कहते हैं।//3
जो महकाए इस चमन को ,उसे गुलबहार कहते हैं ।
और जो सजाए इस संसार को, उसे श्रृंगारकार कहते हैं//4
और जो सजाए इस संसार को, उसे श्रृंगारकार कहते हैं//4
जो पिता थे बुद्ध के उन्हें शुद्धोधन कहते हैं ।
जो मन को मोह ले उसे मनमोहन कहते हैं ।
जो थे सम्राट संगीत के उन्हें तानसेन कहते हैं।
और जो इनके बारे में पढ़ ले उसे विद्वान कहते हैं।//5
एक टिप्पणी भेजें