हम स्वयं के नहीं तुम्हारे हैं सनम
तुम्हारी कसम तुम्हारे हैं सनम
दिन भर चाहे जितना घूम ले हम
थक हारकर शाम को तुम्हारे ही पास आना है
तुम्हारी कसम तुम्हारे हैं सनम
शक की नजर से मुझे ना देखो अब
मैं कोई अपराधी नहीं जो सफाई दूं
दिन भर रूठ कर तुमसे
तुम्हारी अहमियत जान कर आया हूं
तुम्हारी कसम तुम्हारे हैं सनम
तुम्हें तो सत्कार करना चाहिए
तुम्हारे लिए सबकुछ छोड़ कर आया हूं
मैं भूल जाता हूं तेरे एहसासों को जिस पल
मेरी सांस थमने लगती है
तुम्हारी कसम तुम्हारे हैं सनम
तुम कहती हो मैं भंवरा हूं
जो रस के लिए कलियों पर मडराता हूं
नहीं है ऐसा नहीं है
मैं तो कलियों की हिफाजत के लिए उनके पास आता हूं
तुम्हारी कसम तुम्हारे हैं सनम
विश्वास और एहसासों के दामन में बंधे हैं हम दोनों
क्यों नहीं समझती रूठना मनाना प्रेम की पराकाष्ठा है प्रिये
तुम्हारी कसम तुम्हारे हैं सनम
अगर अपराध भले हो जाए जाने या अनजाने में
उसे बेवफाई का नाम मत देना
हम एक ही मंजिल के मुसाफिर हैं
रास्तों को इल्जाम मत देना
जिंदगी के सफर में आते हैं अजीब मोड़
इसमें किसी का नाम मत लेना
बस इतना समझ कर चलना आखिर हम इंसान हैं
गलतियों को बेवजह तुम बेवफा का नाम मत देना
तुम्हारी कसम तुम्हारे हैं सनम
धन दौलत बंधक नहीं है किसी की
जो मिले उसे संभालना सीख लेना
जिंदगी का सफर है उसे पाने का
तुम उसका मुकद्दर नहीं सीख लेना.
हमारी हां में हां मिलाकर तो देखो
कभी फुर्सत हो तो पास आकर तो देखो
बदनसीबी भाग जाएगी
कभी मुस्कुरा कर तो देखो
Nice crept
जवाब देंहटाएं🙏😍
जवाब देंहटाएंI agree with you
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें