चित्रकार भूपेन खखर
Bhupen Khakhar
भूपेन खखर Bhupen Khakhar का जन्म मुंबई में 1934 ईस्वी में हुआ था मुंबई तथा बड़ौदा में इन्होंने कला शिक्षा प्राप्त की यहीं पर अपना कार्य स्वतंत्र रूप से प्रारंभ कर दिया इनके चित्रों का विषय मध्यम वर्ग का दैनिक जीवन रहा है इनकी गणना व्यवसायिक चित्रकार के रूप में होती है तथा इन्हें आधुनिक भारतीय पॉप कलाकार की संज्ञा दी गई है इन्होंने अपने चित्रों में लोग प्रिय छपे रूपों तथा कैलेंडर चित्रों को कोलाज की भांति चिपकाकर चित्र सर्जन में प्रयोग किया जिनमें लिपि लेखन भी हुआ है
भूपेन खखर ने समाज के सामान्य जन जीवन से संबंधित विषयों को चुना देखने में विषय साधारण और सरल से प्रतीत होते हैं पर कलाकार ने इन्हीं साधारण सरल दृश्यों को इस प्रकार संयोजित किया है देखने पर वह तीव्र और प्रखर प्रतिक्रिया देती हैं जो सीधे हृदय में जाकर आघात करते हैं कलाकार व्यंग शैली ने विषय को और अधिक सबल बनाया है
भूपेन खखर - प्लास्टिक के फूलों के साथ आदमी |
Bhupen Khakhar संबंधित प्रमुख तथ्य
भूपेन खखर के चित्र
जलेबी खाता आदमी या गोवा के मछुआरे, 1974, परिवार में मृत्यु 1975, प्लास्टिक के फूलों के साथ आदमी, गुरु जयंती पर्व 1980, तुम सभी को खुश नहीं कर सकते, मस्जिद के आसपास मुसलमान, interior of Hindu temple 2000, two men in Banaras, क्रिकेटर
भूपेन खखर को प्राप्त सम्मान
पदम श्री, कालिदास सम्मान
नोट
1 भूपेन खखर स्वयं समलैंगिक थे इसीलिए इनके सृजन में लिंग की परिभाषा तथा इनकी पहचान से जुड़ी समस्याएं प्रधान विषय रही हैं उनके चित्रों में भारतीय मिथक और मिथकीय चेतना का पर्याप्त विकास हुआ है
2 भूपेन राम कुमार की दृश्य चित्रों से अत्यधिक प्रभावित थे जो इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया में छपे थे जो 1961 छपे थे
3 अंग्रेजी पॉप चित्रकार डोनोवैन के संपर्क में आकर भूपेन पोस्टकार्ड चार्ट, लघु चित्र, सिनेमा, होर्डिंग, चाय की दुकानों में टंगे रहने वाले चित्र, कैलेंडर आदि का प्रयोग करके पाप
चित्रों का सृजन किया
4 वृश्चिक पत्रिका का 1969-73 तक संपादन किया
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