बड़ा अजीब हुनर मिला है उनको घर उजाड़ कर बसाने का।
अब उनको क्यों कोसते हो जब चुनाव अपना था।।
दीपों की रोशनी में
रोशन जहां रहे तेरा
भले ही हो दुनियां में लाख गम
मगर तेरी खुशियां सलामत रहें
चरागों की रोशनी बचा कर रखें तुम्हे
वरना हवाओं ने तो नजरें गड़ा रखी हैं
मेरी तमन्ना है यही तू हस्ती रहे यूं ही
दीपों की तरह जगमगाती रहे
जब साथ हो मेरे तू
मेरा जीवन महकती रहे यूं ही
मैं जला हूं तेरी ख्वाइस में
तू रोशन हो जा मेरी जगमगाहट में
दूर कर लूं गिले सिकवे आपस में
आजा गले लग जा इस मौसम में
अब जलने की चाह नहीं बाकी है मुझ में तू ही सहारा दे दे
मैं तुझसे दूर होकर बिखर जाऊंगा
तू मुझसे दूर हो कर टूट जाएगी
बस इतना समझ लेना चलना भी साथ है
रहना भी साथ है जलना भी साथ है
सुना है दिए ने तेरे आइने को भड़का रखा है
अब उस आइने पर क्यों बरती हो
मेरी तरफ भी तो देखो कभी प्यार से
तेरी ही सूरत इस दिल में बसा कर रखी है
गोरी तू अपनी बगिया का माली बना ले मुझे
मै खुद प्यासा रह कर तेरी प्यास बुझाऊंगा
तेरा यवन कभी नहीं सूखेगा ये वादा है मेरा
मैं बन के सावन सदा तुझे ही सिंचूंगा
मैं भौंरा नहीं जो तेरे रस का प्यासा हूं
बस पास आ जाता हूं तेरी हिफाज़त के लिए
अब तुझपर है फूल समझ कर जूड़ो में सजा लेना
या फिर कुंभलया फूल समझ कर फेंक देना
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