नंदलाल बोस Nandalal Bose

  

chitrakar nandlal bose ek parichay

   नंदलाल बोस का जन्म 3 दिसंबर 1882 ईसवी को खड़कपुर बिहार में हुआ था उनका परिवार मध्यमवर्गीय था  पिता पूर्ण चंद्र बोस दरभंगा के राजा के जंगलात के मैनेजर थे उनकी माता क्षेत्रमणि देवी एक धार्मिक स्त्री थी तथा शिल्प में उनकी विशेष रूचि थी और ऐसा नंदलाल बोस का कथन है कि जो कुछ भी कला अभिरुचि के प्रति अनुराग है वह  अपनी माता के माध्यम से प्राप्त हुआ है

    इनकी प्रारंभिक शिक्षा बड़ी ही अस्त व्यस्त रही नियमित रूप से इन्हें मिडिल स्कूल में भर्ती कराया गया जहां पर अपनी शिक्षा प्राप्त की 1897 में कोलकाता आ गए यहां केंद्रीय कॉलेज स्कूल में प्रवेश लिया परंतु आगे की पढ़ाई में मन न लगा अंत में बोस की जिद के आगे हार मान कर परिवार वालों ने इन्हें कोलकाता कला विद्यालय में प्रवेश दिला दिया

      गवर्नमेंट स्कूल ऑफ आर्ट

    1909 मैं लेडी हरिधम जो एक अंग्रेज कलाकार थी अजंता  चित्रों की अनुकृतियों के लिए भारत आई और सिस्टर निवेदिता ने नंदलाल बोस असित कुमार हलदर वेंटप्पा और समरेंद्र नाथ गुप्त को उनकी सहायता करने का प्रस्ताव किया जिसे अंत में इन कलाकारों ने स्वीकार कर लिया और उनके साथ कार्य करने से उनको फ्रेस्को के साथ टेंपरा चित्रकला के संदर्भ में गहरी जानकारी प्राप्त हुई 1914

     1920 ईसवी में शांतिनिकेतन के कला भवन से जुड़े और 1951 तक अध्यक्ष के पद पर कार्य करते रहें आरंभ में नंदलाल बोस ने कई चित्र भारतीय किसानों पर बनाए लेकिन बाद में पेड़ों मकानों  तथा प्राकृतिक चित्रों उनको अधिक आकर्षित करते वह एक विशेष प्रकार की आलौकिक शक्ति की अनुभूति करते उन्होंने शिव काली उमा यम सावित्री बुद्ध गंधारी आदि सभी महत्वपूर्ण देवी देवताओं तथा महापुरुषों के चित्र बनाएं उनकी प्रकाशित कृतियों में शिल्पकथा शिल्पचर्चा आदि प्रमुख हैं

   नंदलाल उन व्यक्तियों में से थे जो शांति से अपना कार्य करते थे और विनम्र स्वभाव के थे लेकिन उनके अंदर एक विचित्र प्रकार की प्रशासनिक क्षमता थी और अपने निकटतम लोगों के बीच में उनकी गहरी समझ तथा उनका वाक चातुर्य प्रसिद्ध था उनके अनुसार परंपरागत कला तथा आधुनिक कला में संघर्ष नहीं है नंदलाल बोस की मृत्यु1966 में हुई थी

 नंदलाल बोस द्वारा संविधान का चित्रण

      नंदलाल बोस ने भारतीय संविधान की मूल प्रति को चित्रों से सजाया है इन्होंने अपनी टेंपरा मिश्रित पद्धति का भरपूर प्रयोग अपने सृजन में किया है भारतीय संविधान के प्रत्येक भाग पर चित्र निर्मित किए हैं इस प्रकार संविधान में कुल 22 चित्र बनाए गए हैं विषय का चुनाव भारतीय संस्कृति की गौरवमय परंपरा को ध्यान में रखकर किया गया है जो नंदलाल के भारतीय संस्कृति से जुड़ाव को भी दर्शाते हैं चित्रों के बॉर्डर में कमल को प्रमुखता के साथ जगह दी गई है इसके साथ-साथ मोहनजोदड़ो की लिपि के आधार पर लेखन वैदिक काल की यज्ञशालाओ, प्रतीक चिन्ह आदि का भी भरपूर प्रयोग किया गया है सुनहरे और लाल पीले रंगों का प्रयोग सुखद है भारत के प्रतीक चिन्ह अशोक की लाट से संविधान में चित्रण प्रारंभ करते हैं नंदलाल बोस और पंडित जवाहरलाल नेहरू की मुलाकात शांतिनिकेतन में हुई थी जहां पर उन्होंने भारतीय संविधान को चित्रित करने के लिए नंदलाल को आमंत्रित किया था संविधान में बनाए गए चित्रों का आकार 8 से 13 इंच के मध्य का है संविधान को चित्रित करने में नंदलाल को 4 साल लगे इसके लिए उन्हें 21000 रुपए भारत सरकार की तरफ से दिए गए

नंदलाल बोस द्वारा बनाई गई अनुकृतियां

  1921 में बाघ गुहा चित्रों की अनुकृतियां तथा 1911 में अजंता की प्रतिलिपि तैयार की

पुरस्कार


      Padam vibhushan 1954
      बनारस विश्वविद्यालय ने डी लिट की उपाधि 1950 रविंद्र विश्व भारती विश्वविद्यालय डी लिट की उपाधि 1963

नंदलाल बोस के चित्र  nandlal bose painting

   तूफान भयावह दृश्य, पेड़ तथा झाड़ी, वर्षा का वातावरण, समसप्तमा या उमा की तपस्या, स्वर्ण कुंभ, विश्वनाथ गली के खतरे, गुरु अवनींद्र नाथ, शिव, बापू की दांडी यात्रा, नववधू की प्रथम यात्रा, वीणावादनी, गंगावतरण पांडवों का हिमालय आरोहण, दूल्हे की सवारी, राधा का बिरहा, महिषासुर मर्दिनी, स्वर्ण कलश अर्धनारीश्वर, वृक्षारोपण, मदर फीडिंग हर चाइल्ड,

नन्दलाल के चित्रों को निम्न भागों में विभक्त किया जा सकता है

1 रामायण महाभारत पर आधारित चित्र

     श्री रामचन्द्र परिणय, उमातप, भीष्म प्रतिज्ञा, अहिल्या उद्धार, सती का देह त्याग, शतरंज खेलते हुए, कौरव पांडव, कृष्ण और अर्जुन  धृतराष्ट्र  गांधारी और कुरुक्षेत्र

2 धार्मिक एवं पौराणिक चित्र

    बुध और मेमना, शिव का विषपान, वीणा वादिनी, गंगावतारण, महिषासुर मर्दिनी, मछुआरों के मध्य ईसा

3 राजनीति से संबंधित चित्र

 दांडी मार्च महात्मा गांधी

4 दृश्य चित्र

  हरमुख गंगोत्री, पारसनाथ पहाड़

5 सामान्य जन जीवन से संबंधित चित्र

ग्राम कुटी, संथाल युवती, चांडालिका, दो महिलाएं, सारंगी वादक, सपेरा

6 ऐतिहासिक चित्र

  पद्मिनी और भीम सिंह, राजगृह, मीराबाई का जीवन

नंदलाल की प्रमुख पुस्तकें

  शिल्प कला, रुपावली, शिल्पचर्चा

नंदलाल बोस ने निम्नलिखित स्थानों पर काम किया

चित्रा क्लब शांतिनिकेतन के कला भवन में अध्यापन का कार्य किया तथा नंदलाल बोस ने कारूसंघ की स्थापना की

नोट

बसु विज्ञान मंदिर शांति निकेतन के पुस्तकालय भवन एवं चीनी भवन बड़ौदा के कीर्ति मंदिर में भित्ति चित्र अंकित किए इनमें से बड़ौदा मैं अंकित गंगावतरण चित्र प्रसिद्ध है तथा 1937 में फैजपुर के कांग्रेस अधिवेशन एवं 1937 - 38 के हरीपुरा कांग्रेश अधिवेशन के लिए पोस्टर बनाएं जिन की विषय वस्तु लोक कला से प्रभावित थी नंदलाल बोस को मोशाय बाबू के नाम से भी जाना जाता था
  • नंदलाल बोस  ने बडौद की कीर्ति मंदिर में  गंगा अवतरण, भहाभारत, मीराबाई आदि भित्ति चित्र बनाएं

Post a Comment

और नया पुराने